बता देते हैं कि एक बिजनेसमैन की पत्नी ने 30 साल की उम्र में ही दीक्षा ले ली है और इस औरत का नाम स्वीटी है और उसे महिला के पति जिनका नाम मनीष है वह कर्नाटक में बिजनेसमैन है उनके साथ उनका 11 साल का बेटा ह्रदय भी भिक्षु बना है महिला ने तब ही बिच्छू बनाने का फैसला ले लिया था जब वह गर्भवती हो गई थी
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बता देते हैं कि भारत में रहने वाले जैन समुदाय के सैकड़ो लोग भिक्षु बनाकर भौतिक दुनिया त्याग रहे हैं वह दीक्षा लेने के बाद नंगे पैर चलते हैं और वही कहते हैं जो परीक्षा के रूप में उन्हें मिल जाता है और आधुनिक तकनीक जैसे एयर कंडीशनर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का उपयोग नहीं करते हैं हाल में बिजनेसमैन की पत्नी 30 साल की स्वीटी ने भी दीक्षा ले ली है उनके पति मनीष जो कि कर्नाटक में बिजनेस में है उनके साथ उनका 11 साल का बेटा ह्रदय भी विश्व बना है दीक्षा लेने के बाद इन्हें नाम मिले सिटी को भावधुशी रेखा श्रीजी और बेटे को हितेषी रतन विजय जी का नाम मिला है
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हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक उनके एक रिश्तेदार विवेक ने बताया कि भाव शुद्ध रेखा श्रीजी जब गर्भवती हो गई थी तभी उन्होंने भिक्षु बनने का फैसला ले लिया था उन्होंने तब यह सोच लिया था कि उनका बच्चा उनके ही नक्शा कम पर चलेगा और जैन धर्म भिक्षु बनेगा
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उनके वेतन का पालन पोषण इस समझ के साथ हुआ कि वह मठ वास वाले जीवन में प्रवेश करेगा भाव शुद्ध रेखा श्रीजी के संकल्प को सुनकर उनके पति मनीष ने इसका समर्थन किया विवेक ने बताया कि मनीष और परिवार के अन्य लोग खुश है और उन पर गर्व करते रहते हैं मां बेटे का दीक्षा समाज जनवरी 2024 में गुजरात में सूरत में बहुत धूमधाम से हुआ था दोनों अब सूरज में भी रहते हैं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर मां बेटे का एक वीडियो इंटरनेट पर खूब वायरल हो रहा है जिसका वीडियो हम आपको नीचे बताने वाले हैं