सोयाबीन में नहीं है अभी ज्यादा तेजी की उम्मीद

सोयाबीन में नहीं है अभी

किसान साथियों सोयाबीन के दामों में जो हलचल होती है, वह मंडियों की ज़मीन से लेकर शेयर मार्केट और अंतरराष्ट्रीय फ्यूचर ट्रेडिंग तक असर डालती है। किसान से लेकर ट्रेडर, ऑयल मिलर्स से लेकर एक्सपोर्टर सबकी नज़रें इस पर टिकी रहती हैं कि सोयाबीन का अगला क़दम क्या होगा। इस बात को समझने के लिए हम इस सप्ताह सोयाबीन के बाज़ार में हुए उतार-चढ़ाव पर एक नज़र डालते हैं, ताकि आप हर उस बात को समझ सकें जो इस हफ्ते सोयाबीन के बाज़ार में घटा है और आगे की तस्वीर क्या बन सकती है। सोयाबीन में इस हफ़्ते की शुरुआत थोड़ी सुस्ती भरी रही, जहां मंडियों में आवक तो सामान्य दिखी लेकिन प्लांट्स की ख़रीदी में वो दम नहीं नज़र आया, जो आमतौर पर सीज़न के बीच में देखा जाता है।

ऊपर से जब अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में शिकागो सोया वायदा (CBOT) और मलेशियाई पाम तेल (KLC) जैसे संकेत कमज़ोर आए तो घरेलू मार्केट पर उसका सीधा असर पड़ा। जिसका असर जलगांव, इंदौर, नागपुर जैसी प्रमुख मंडियों में दामों में गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, कुछ छोटे निवेशकों ने मौके की तलाश में लिवाली ज़रूर की, लेकिन वो असर बड़ा नहीं दिखा। इस हफ़्ते की हलचल ने एक साफ़ संकेत दिया है कि फिलहाल बाज़ार में कोई बड़ी तेजी नहीं है, लेकिन ये तस्वीर कब बदलेगी, इसका इशारा हमें मार्केट की अंदरूनी गतिविधियों से मिल सकता है। आज की रिपोर्ट में हम न केवल हाज़िर मंडियों की स्थिति को समझने की कोशिश करेंगे, बल्कि फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट्स, अंतरराष्ट्रीय रुझानों, सरकारी फैसलों और किसानों की रणनीति जैसे सभी पहलुओं पर भी चर्चा करेंगे। तो चलिए इन सभी गतिविधियों को विस्तार से समझने के लिए पढ़ते हैं यह रिपोर्ट।

वर्तमान मूल्य प्रवृत्तियाँ
दोस्तों हाल ही में, जलगांव मंडी में सोयाबीन के दाम 150 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट के साथ 4,350 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गए। इससे पहले, इसमें 100 रुपए की तेजी देखी गई थी। इस गिरावट का मुख्य कारण प्लांटों की ख़रीदारी में कमी और निवेशकों की लिवाली में सुस्ती है। इसके अलावा वैश्विक बाज़ार में हुई हलचल ने भी सोयाबीन के दामों को प्रभावित किया है। शिकागो एक्सचेंज में मामूली 4 पॉइंट की तेजी और केएलसीई में पाम तेल वायदा में 54 रिंगिट प्रति टन की गिरावट के समाचारों ने बाज़ार की धारणा को प्रभावित किया है। इससे संकेत मिलता है कि अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में भी सोयाबीन की क़ीमतों में स्थिरता या गिरावट की संभावना है।

मांग और आपूर्ति की स्थिति
वर्तमान में, सोयाबीन की मांग में कमी और आपूर्ति में स्थिरता के कारण क़ीमतों में तेजी की संभावना कम है। इसके अलावा, सरकार द्वारा खाद्य तेलों के आयात शुल्क में कटौती से भी घरेलू बाज़ार में दबाव बना हुआ है। और एक्सपर्ट का मानना है कि यह दबाव आगे भी कुछ समय के लिए बरक़रार रह सकता है। वर्तमान में, सोयाबीन तेल की आपूर्ति और मांग में संतुलन बना हुआ है। हालांकि, वैश्विक बाज़ार में पाम तेल की क़ीमतों में गिरावट और घरेलू बाज़ार में मांग में कमी के कारण, सोयाबीन क़ीमतों पर दबाव बन रहा है। हालांकि सोयाबीन की क़ीमतों में अधिक गिरावट की उम्मीद कम ही है लेकिन तेजी के आसार भी फिलहाल दिखाई नहीं दे रहे।

सोयाबीन मंडी भाव
अगर हम आज के सोयाबीन की मंडियों के भाव की बात करें तो सोयाबीन के भावों में मिला-जुला रुख देखने को मिला। कुछ मंडियों में तेजी का माहौल रहा तो कई स्थानों पर भावों में गिरावट भी दर्ज की गई। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की मंडियों में भाव ₹3400 से लेकर ₹4800 प्रति क्विंटल के बीच रहे। महाराष्ट्र की बात करें तो लातूर मंडी में दो स्तर की आवक दर्ज की गई। एक तरफ भाव ₹4000 से ₹4300 पर रहे और 15000 बोरी की आवक दर्ज हुई, वहीं दूसरी तरफ भाव ₹4000 से ₹4800 तक भी बोले गए जहां 20000 बोरी की आवक रही। जालना में भाव ₹4100 से ₹4125 रहे और 1000 बोरी की आवक रही। खामगांव में ₹50 की मंदी के साथ भाव ₹3900 से ₹4150 और आवक 4000 बोरी रही, जबकि दर्यापुर में भी ₹50 की मंदी के साथ भाव ₹3650 से ₹4050 रहे। उदगीर में 7000 बोरी की आवक पर भाव ₹4100 से ₹4300 बोले गए, वहीं दूसरी सूचना के अनुसार ₹4200 से ₹4220 पर भी स्थिर भाव देखने को मिले।

मध्य प्रदेश की मंडियों में भावों का रुख विविध रहा। इंदौर में ₹4300 से ₹4400 के भाव पर ₹25 की गिरावट रही, जबकि उज्जैन में ₹110 की तेजी के साथ भाव ₹4150 से ₹4340 तक चढ़े। हरदा में ₹4150 से ₹4225 पर ₹25 की मंदी रही। मनासा में ₹75 की तेजी के साथ भाव ₹4100 से ₹4375 तक रहे। सिवनी में ₹3800 से ₹4250 तक भाव रहे जिसमें ₹50 की तेजी रही। वहीं गंजबसौदा में ₹3800 से ₹4300 के भाव पर ₹100 की गिरावट और 3000 बोरी की आवक दर्ज की गई।

अशोकनगर में भी दो स्तर पर डेटा आया-एक जगह भाव ₹4000 से ₹4300 और दूसरी सूचना में ₹4100 से ₹4200 तक रहे जिसमें ₹50 की तेजी भी दर्ज की गई और 2000 से 2500 बोरी की आवक हुई। मंदसौर में भाव ₹4000 से ₹4300 और 4000 बोरी की आवक रही। राजकोट में भाव ₹4000 से ₹4500 तक रहे और आवक 500 बोरी रही।

अन्य मंडियों की बात करें तो नागपुर में ₹61 की तेजी के साथ ₹3600 से ₹4211, अमरावती में ₹50 की तेजी के साथ ₹3900 से ₹4150, हिंगणघाट में ₹20 की तेजी के साथ ₹3400 से ₹4270, दाहोद में ₹4150 से ₹4250 पर भाव स्थिर रहे। खुरई सागर, गदरवाड़ा, खातेगांव, और बीना मंडियों में भाव ₹3600 से ₹4250 के दायरे में रहे।

इंदौर की लक्ष्मीनगर और छावनी लाइन में भी मंदी रही जहां ₹25 की गिरावट के साथ भाव ₹4000 से ₹4275 तक और आवक क्रमशः 1500 से 1700 बोरी और 1000 बोरी रही।

सोया प्लांट भाव
अगर हम सोया प्लांट भाव की बात करें तो कल महाराष्ट्र के प्रमुख सोया प्लांट्स में दिन की शुरुआत मंदी के माहौल में हुई थी। सुबह के ओपनिंग रेट में सोलापुर में सोयाबीन का भाव ₹4450 रहा जिसमें ₹20 की मंदी दर्ज की गई। लातूर में भाव ₹4430 रहा, नांदेड में ₹4450 और हिंगोली में भी ₹4450 पर ही कारोबार हुआ-सभी प्लांट्स में ₹20 की गिरावट देखी गई। हालांकि बाजार बंद होते-होते माहौल में बदलाव आया और भावों में तेजी देखी गई। कीर्ति सोया प्लांट के अंतर्गत लातूर, क्रिश्नूर, सोलापुर और हिंगोली सभी लोकेशनों पर भाव ₹4470 तक चढ़ गए। लातूर में ₹40 की तेजी रही जबकि अन्य सभी प्लांट्स में ₹20 की तेजी दर्ज की गई।

सोयाबीन तेल
सरकार द्वारा खाद्य तेलों के बेसिक आयात शुल्क में 10 प्रतिशत की कटौती और स्टॉकिस्टों की बिकवाली के कारण, सोया रिफाइंड के भाव 300 रुपए घटकर 12,800 रुपए प्रति किंटल रह गए हैं। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान की मंडियों में भी सोया रिफाइंड के भाव 300 रुपए घटकर 12,400 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गए हैं।

अंतरराष्ट्रीय प्रभाव
मलेशिया और इंडोनेशिया में पाम तेल के उत्पादन में वृद्धि और क़ीमतों में गिरावट ने भी सोयाबीन तेल के बाज़ार को प्रभावित किया है। इसके अलावा, वैश्विक स्तर पर सोयाबीन तेल की क़ीमतों में स्थिरता देखी जा रही है, जो घरेलू बाज़ार में भी स्थिरता का संकेत देती है। इस प्रकार, सोयाबीन और सोयाबीन तेल के बाज़ार में वर्तमान में स्थिरता देखी जा रही है, और निकट भविष्य में क़ीमतों में बड़ी तेजी या गिरावट की संभावना कम है। किसानों, व्यापारियों और निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे बाज़ार की स्थिति पर नज़र रखें और व्यापार अपने संयम और विवेक से करें।

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