एक किसान ने एक एकड़ में ₹50 हजार खर्च किए और 5 लाख रुपए कमाए, कैसे किया यह सब कुछ जान लीजिए : नमस्कार किसान भाइयों आज मैं आपको एक ऐसे किसान के भाई के बारे में बताने वाला हूं जिस किसान ने ₹50000 अपने एक एकड़ की जमीन में खर्च किए और ₹5 लाख कमाई, आखिर उसने ऐसा कारनामा कैसे किया चलिए किसान भाइयों इसके बारे में हम विस्तार रूप से जानते हैं तो आप इस आर्टिकल को पूरा जरूर पड़े और आप हमारे व्हाट्सएप ग्रुप को जरूर ज्वॉइन करें हम अपने व्हाट्सएप ग्रुप में रेगुलर मंडी भाव किस समाचार सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी देते हैं |
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अर्थशास्त्र का एक नियम है “नो रिस्क नो प्रॉफिट” अर्थात जो जोखिम नहीं उठा सकता वह लाभ भी नहीं कमा सकता। लाभ कमाने के लिए जोखिम उठाना भी अति आवश्यक है। खेती किसानी में कई किसान इसी कहावत को चरित्रार्थ करके अच्छा लाभ कमा रहे हैं।
परंपरागत खेती के बजाय आधुनिक खेती की जाए एवं खेती में कुछ नवाचार लाया जाए तो खेती किसान ही से अच्छा लाभ कमाया जा सकता है बहुत सारे किस ऐसे हैं जो नई-नई तकनीक का इस्तेमाल करके नए-नए बीच का उपयोग करके खेती से अच्छा पैसा कमा रही है मध्य प्रदेश के एक किसान ने यही कुछ किया लिए जानते हैं पूरी जानकारी उसे किस के बारे में आखिर उसे किस ने ऐसा क्या कर दिया जिसकी वजह से आप सभी अपने दिमाग में सोच रहे होंगे कि उसे किस ने सिर्फ एक एकड़ की जमीन में ₹50000 का खर्च किया और उसे व्यक्ति ने 5 लख रुपए से भी ज्यादा कमाई हैं |
दक्षिण अमेरिका से मंगाई काले आलू
Farmer success story मध्य प्रदेश के सागर जिले के युवा किसान दक्षिण अमेरिका में उगने वाले काले आलू की खेती कर रहे हैं। युवा किसान ने दक्षिण अमेरिका से काले आलू मंगाई और उसकी खेती की। इससे किस क एक एकड़ में खेती करने पर सालाना 5 लाख रुपए तक कमाई हो रही है। काला आलू औषधीय फसल है, जिसके गुण और कीमत सफेद आलू के मुकाबले ज्यादा होती है।
मल्टीलेयर प्राकृतिक जैविक खेती से शुरुआत की
मध्यप्रदेश में अब किसान परंपरागत खेती से हटाकर नई फसलों पर फोकस कर रहे हैं। सागर जिले के ग्राम कपूरिया के युवा किसान आकाश चौरसिया ने इस असंभव काम को संभव कर दिखाया। आकाश ने करीब 15 साल पहले मल्टीलेयर प्राकृतिक जैविक खेती शुरू की थी। अब दूसरे किसान भी उनसे प्रेरित हो रहे हैं।
अजब गजब की खेती 5 महीने में कमाई 10 लाख रुपए ,
Farmer success story आकाश के पास 16 एकड़ जमीन है। इसमें से एक एकड़ पर काले आलू की फसल लगी है। आकाश ने सागर जिले समेत बुंदेलखंड में पहली बार काले आलू का उत्पादन किया है। उन्होंने एक एकड़ में यह फसल लगाई थी। इसमें करीब 100 क्विंटल पैदावार हुई। वह मध्यप्रदेश समेत उत्तर प्रदेश के किसानों को काला आलू उगाने की विधि सिखा रहे हैं।
आकाश चौरसिया ने मल्टीलेयर पद्धति से पहली बार खेती कर इस मॉडल को शुरू किया था। मल्टीलेयर पद्धति से खेती कर वह एक साथ चार फसलों का उत्पादन लेते हैं। वे खेत में बांसों की मदद से अस्थाई देशी ग्रीन हाउस तैयार करते हैं। उसके बाद खेत में काली हल्दी की बुआई करते हैं। साथ ही, उसी खेत में पपीता, कुंदरु, ककड़ी, सहजन जैसी फसलों को लगाते हैं। जमीन में कंद वाली फसल लगाकर ऊपर पालक, धनिया व अन्य भाजी लगाते हैं। Farmer success story
कैसे की जाती है काले आलू की खेती
Farmer success story आकाश चौरसिया ने बताया कि काले आलू की खेती दक्षिण अमेरिका के एंडिज पर्वतीय क्षेत्रों में की जाती है, लेकिन अब इसकी खेती सागर में शुरू की है। प्रयोग के तौर पर पहली बार काले आलू की खेती की, जो सफल रही। तीन महीने में फसल आ जाती है। इस आलू की ऊपरी सतह काली और आंतरिक भाग गहरे बैंगनी रंग का होता है। काले आलू की खेती करने में एक एकड़ में किसान को करीब 50 हजार रुपए का खर्च आता है।
कब करें बुवाई
साधारण आलू की खेती के समान ही काले आलू की खेती की जाती है. इसके लिए दोमट व बलुई दोमट मिट्टी बेहतर है. इसकी अगेती बुवाई 15 से 25 सितंबर और इसकी पछेती बुवाई के लिए 15-25 अक्टूबर तक का समय सबसे उपयुक्त रहता है. कई किसान 15 नवंबर से 25 दिसंबर के बीच तक आलू की पछेती बुवाई भी करते हैं. खेत की तैयारी के लिए तीन से चार गहरी जुताई करके मिट्टी अच्छी प्रकार से भुरभुरी बना लेना चाहिए.
काले आलू की खेती करने का तरीका
- काले आलू की बुआई 15 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच करें।
- किसान काला आलू लगाने से पहले खेत की जुताई कर तैयार करें।
- काला आलू लगाने के लिए दोमट मिट्टी अच्छी होती है।
- 100 किलो चूने का पाउडर और 50 किलो नीम का पाउडर डालकर भूमि को उपचारित करें।
- खेत में 10 टन के हिसाब से प्रति एकड़ गाय का गोबर डालें।
- एक एकड़ में करीब 750 किलो काला आलू के बीज की जरूरत होती है।
- बुआई से पहले बीज को उपचारित करें, ताकि फंगस की बीमारी से बचा जा सकेंगे।
- 15 लीटर पानी में एक किलो चूना डालकर घोल बनाए। उस खोल में बीज को 10 मिनट डालकर रखे। फिर बुआई करें।
- काला आलू लगाते समय बुआई 8-8 इंच दूरी और 2-2 इंच गहराई पर करें।
- हर दस दिन में फसल में सिंचाई करें। पानी का जमाव नहीं होना चाहिए।
- 75 से 90 दिन में फसल पक कर तैयार हो जाएगी, जिसके बाद खुदाई कराएं।Farmer success story
आयरन की कमी दूर करता है काला आलू
किसान आकाश ने बताया कि ब्लैक आलू आयरन रिच के नाम से भी जाना जाता है काले रंग का आलू जिसका छिलका कला और अंदर हिस्सा कल के साथ-साथ घर भिंगरी रंग का होता है आयरन की कमी से ग्रसित कोई भी व्यक्ति यदि लगातार 1 से 2 महीने तक कल आलू का सेवन करता है तो उसकी आयरन की कमी दूर हो जाती है इसके अलावा कल आलू का उपयोग अन्य औषधीय में भी उसका उपयोग किया जाता है |
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सफेद आलू की तुलना में काले आलू से अच्छा प्रॉफिट
सफेद आलू की तुलना में काले आलू की कीमत बाजार में अच्छी होती है। बाजार में यह 70 रुपए प्रति किलो और इससे ज्यादा में भी बिकता है। क्योंकि काले आलू में कई औषधीय गुण होते हैं। काला आलू शुगर फ्री होने के साथ ही आयरन से भरपूर होता है। आकाश बताते हैं कि इस आलू का रंग काला होता है। इसे खाने से आयरन की कमी पूरी होती है।
खून की कमी वाले मरीजों के लिए यह काफी फायदेमंद होता है। किसान आकाश चौरसिया ने बताया कि एक एकड़ में काले आलू की खेती में करीब 50 हजार का खर्च आता है। उत्पादन 5 लाख से अधिक का होता है। ऐसे में सफेद आलू की तुलना में काले आलू की खेती ज्यादा फायदेमंद है। Farmer success story