अप्रैल महीने के अंत तक लगभग मध्यप्रदेश में सारे गेहूं की कटाई पूरी हो जाएगी, मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए किया एक बहुत बड़ा ऐलान, किसानों को मंडी में गेहूं ले जाने से पहले करने होंगे यह काम, गेहूं साफ करने के लिए चुकानी होती है इतनी कीमत, दरअसल मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को गेहूं के बारे में जानकारी दी है इसके बारे में हम आपके यहां नीचे जानकारी देने वाले हैं अतः आप इस आर्टिकल को पूरा जरूर पड़े
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देश के कई राज्यों में न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी कि एसपी पर गेहूं की खरीद शुरू हो चुकी है और यह गेहूं के खासकर मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा खरीद हो रही है क्योंकि मध्य प्रदेश राज्य है जहां पर गेहूं की सबसे ज्यादा पैदावार की जाती है और साथ ही साथ के साथ मंदिरों में अपना गेहूं बेचने के लिए जान भी लगे हैं
मध्य प्रदेश सरकार इस वर्ष किसानों को गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य खरीद पर 125 रुपए का बोनस देने जा रही है वहीं इस वर्ष केंद्र सरकार गेहूं का समर्थन मूल्य ₹2275 रुपए प्रति कुंतल तय किया गया है
गेहूं की खरीद की स्थिति
ऐसे में किसानों को गेहूं बेचने में किसी प्रकार की आवश्यकता ना हो उसके लिए जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना निर्देश जारी किए गए हैं कलेक्टर दीपक सक्सेना ने जहां किसानों का स्लॉट बुक करने के बाद एक एक्स FAQ के ऊपर खरीदी केदो पर लाने की सलाह दी है वहीं उपार्जन अप व्यवस्था किसान जुड़े अधिकारियों कर्मचारियों को भी विस्तार दिशा निर्देश जारी कर बिना स्टॉल बुकिंग के ऊपर जाना केंद्र पर आए गेहूं की खरीद नहीं करने की हिसायद दी है
प्रदेश में अब तक 4.5 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद
मध्य प्रदेश में अब तक सबसे ज्यादा गेहूं खरीदा गया है अन्य राज्यों के मुकाबले मध्य प्रदेश में गेहूं का सबसे ज्यादा उत्पादन हुआ है और सबसे ज्यादा बिक्री भी हुई है जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश में 4.5 मैट्रिक का गेहूं की खरीद हो चुकी है 2024 में प्रदेश एक ऐसा राज्य बन गए हैं जो पूरे देश में गेहूं खरीदने को लेकर सबसे आगे आ चुका है पिछले वर्ष 2023 में मध्य प्रदेश में 75 लाख मिलिट्री टन गेहूं खरीदने का उद्देश्य था ।
प्रदेश की किसानों को अब देना होगा गेहूं सफाई का शुल्क
मध्य प्रदेश में रहने वाले किसानों को गेहूं की सफाई करने के लिए कम से कम ₹6 से लेकर ₹25 तक प्रति क्विंटल की धनराशि देनी होगी । जो भी किसान बंधु मंदिरों में गेहूं की उपज को अगर साफ करवाते हैं या फिर उसे उपज को अपग्रेड चलते हैं तो उसके लिए जो भी शुल्क मंडी समिति के द्वारा लिया जाएगा । उसकी रसीद किसानों को दे दी जाएगी यदि रसीद नहीं दी जाती है तो उसे अवैध वसूली माना जाएगा और इसके लिए विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी
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गेहूं उपार्जन हेतु अनेक सामग्रियों की व्यवस्था शासन द्वारा की गयी है। जिसके माध्यम से गेहूं की सफाई की जा रही है, गेहूं की सफाई के लिए कई कर्मचारियों को भी नियुक्त किया गया है और साथ ही श्रमिकों के खर्च का भुगतान करने के लिए सभी किसानों को सफाई की महत्वपूर्ण लागत का भुगतान करना होगा।
अगर किसान भाई-बहन गेहूं साफ करने के खर्च से बचना चाहते हैं तो आप या आपके कुछ साथी अपने घर से गेहूं साफ करके बाजार ले जाएं. चूंकि सरकार द्वारा यह आदेश दिया गया है कि बिना पिसा हुआ गेहूं खुले में नहीं लिया जाएगा और यदि किसान भाई-बहन गंदा गेहूं लाते हैं, तो सफाई का खर्च वास्तविक किसान द्वारा वहन किया जाना चाहिए।
अगर आप इस गेहूं को साफ करने के खर्च से दूर रहना चाहते हैं तो ऐसे में आपको अपने घर से ही गेहूं साफ करके बाजार ले जाना चाहिए। चूँकि संगठन ने पहले ही सख्त निर्देश दे दिए हैं कि अनफ़िल्टर्ड गेहूं बाज़ार में नहीं ले जाया जाएगा और यदि किसान भाई अनफ़िल्टर्ड गेहूं लाते हैं, तो सफाई का खर्च वास्तविक किसान भाईयों को उठाना होगा।
FAQ ऑन के अनुसार ही मंडी में ले जाना होगा गेहूं
संग्रहकर्ता द्वारा दिए गए निर्देशों में यह स्पष्ट रूप से व्यक्त किया गया है कि अब पशुपालक को अपने गेहूं को साफ-सुथरा और छानकर खरीद के लिए उपलब्ध बाजार में ले जाना चाहिए। इसी प्रकार यदि किसान बिना एफएक्यू गेहूं लाते हैं तो उन्हें शुरुआत की बुकिंग के बाद भी इसकी मरम्मत खुद ही करनी होगी, इसके लिए किसान पैनल के लिए प्रत्येक खरीद स्थान पर चैनल, पंखा, समीक्षा अंतहीन मशीन के लिए गेम प्लान भी बनाए गए हैं। . नियम: आपको अनुमोदित व्यय का भुगतान करके अपनी उपज को ताज़ा करना चाहिए। यह खर्च पैनल द्वारा अधिसूचना बोर्ड पर दिखाया जाएगा। गेहूं परीक्षण का कृषकवार रिकार्ड रखने के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिये गये हैं।