Ramganj Mandi News: रामगंज में धनिए की आवक ने सारे रिकॉर्ड तोड़े, ऐतिहासिक नया स्तर कायम किया

Ramganj Mandi News

Ramganj Mandi News : 22 मार्च राजस्थान में रामगंज मंड़ी धनिए की आवक का यह आलम है कि जहां तक नजर जाती है, धनिया ही धनिया नजर आ रहा है। व्यापारिक सूत्रों ने कहा कि आवक ने पिछले सारे रिकार्ड तोड़ते हुए आज 60 हजार से भी अधिक का नया ऐतिहासिक स्तर कायम कर दिया।

रामगंज मंडी में धनिए ने किया नया मुकाम हासिल

उन्होंने यह भी बताया कि मंड़ी के बाहर भी धनिए की करीब 20-25 हजार बोरियां पड़ी हुई हैं। रामगंज मंड़ी स्थित व्यापारी देवीशंकर ने बताया कि धनिए की नवीनतम आंवक ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। हालत यह है कि जहां तक नजर जाती है, धनिया ही धनिया नजर आ रहा है। उन्होंने बताया कि आज मंड़ी में धनिए की आवक ने नया ऐतिहासिक रिकॉर्ड बना दिया। मंड़ी में इसकी करीब 60 हजार बोरियों की आवक हुई। इससे पूर्व रामगंज मंड़ी में कभी भी धनिए की इतनी ऊंची आवक नहीं हुई थी।

उन्होंने आगे बताया कि इससे भी बड़ी बात यह है कि मंड़ी के बाहर भी इस प्रमुख किराना जिंस की करीब 20-25 हजार बोरियां पड़ी हुई हैं। आवक की तुलना में बिक्री काफी कमजोर बनी हुई है। श्री देवीशंकर ने बताया कि मंड़ी में रोजाना करीब 20-25 हजार बोरियों की ही बिक्री हो पाती है। शेष मात्रा अगले दिन के लिए बच जाती है।
नई ऐतिहासिक ऊंची आवक तथा बिक्री तुलनात्मक रूप से कमजोर बनी होने के कारण रामगंज मंड़ी में धनिए में मंदी आई।

रामगंज मंडी में धनिया का बाजार व मंडी भाव

श्री देवीशंकर ने बताया कि यहां बादामी तथा ईगल धनिया 200-300 रुपए मंदा होकर क्रमशः 6300/6500 रुपए और 6900/7200 रुपए प्रति क्विंटल के स्तर पर आ गया। रामगंज की तरह ही राज्य की एक और मंड़ी, बारां, में भी धनिए की ऊंची आवक हुई। बारां मंड़ी स्थित व्यापारी गिरीराज शर्मा ने बताया कि आज धनिए की करीब 6-7 हजार बोरियों की आवक हुई। आवक की तुलना में बिक्री सुस्त पड़ने से यहां भी बादामी तथा ईगल धनिया 200-300 रुपए मंदा होकर क्रमश: 6300/6500 रुपए और 6900/7200 रुपए प्रति क्विंटल रह गया।

उन्होंने आगे बताया कि आवक तथा बिक्री की नवीनतम स्थिति को देखते हुए आने वाले दिनों में धनिए में और मंदी आने से इंकार भी नहीं किया जा सकता है। व्यापारियों ने बताया कि ग्रीन मालों में और भी अधिक मंदी आई है। उन्होंने आगे बताया कि इन मालों में हाल ही में करीब 2 हजार रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट आई है। इसके विपरीत, स्थानीय थोक किराना बाजार में स्टॉकिस्टों की लिवाली सुस्त ही बनी होने से धनिया बादामी तथा ईगल क्रमशः 8200/8400 रुपए और 8700/8800 रुपए प्रति क्विंटल के स्तर पर बना हुआ है।

इससे पूर्व इस प्रमुख किराना जिंस में हाल ही में इतनी ही तेजी आई थी। व्यापारियों का कहना है कि प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में अब नए धनिए की रिकॉर्डतोड़ आवक की वजह से बाजार की धारणा प्रभावित हो सकती है। श्री देवीशंकर ने बताया कि पिछले दिनों अहमदाबाद में हुए एक व्यापारिक सेमिनार में धनिए की फसल कमजोर बताई गई थी। इसकी नवीनतम आवक को देखकर यह लगता है कि इस प्रकार के सेमिनारों में बताए जाने वाले अनुमानों का मतलब क्या है? नवीनतम रिकॉर्डतोड़ आवक को देखते हुए इन अनुमानों का क्या औचित्य रह जाता है?

धनिया का उत्पादन और खपत की जानकारी

हाल ही में हुए एक सर्वे में बताया गया था कि मध्य प्रदेश में धनिए की फसल करीब 120 प्रतिशत आने के अनुमान हैं, जबकि गुजरात में यह फसल 50-60 प्रतिशत बताई जा रही है। राजस्थान में भी धनिए की फसल करीब 100-110 प्रतिशत आने की संभावना है। इन आंकड़ों को देखें तो धनिए की नई फसल का उत्पादन कमोबेश पुरानी फसल के आसपास ही हो सकता है। दूसरे शब्दों में, नए सीजन में देश में धनिए की करीब एक करोड़ बोरियों का उत्पादन होने का अनुमान है।

उन्होंने आगे बताया कि इस बार पुरानी फसल का बकाया स्टॉक भी पूर्वानुमानों से काफी ऊंचा बचा हुआ है। एक अनुमान के अनुसार धनिए के नए सीजन की शुरूआत ही इसकी करीब एक करोड़ बोरियों के स्टॉक से हो रही है। बकाया स्टॉक तथा नई फसल को मिलाकर नए सीजन में करीब दो करोड़ बोरियों की उपलब्धता होने का अनुमान है। उपलब्धता की तुलना में देश में धनिए की कुल खपत ही करीब एक करोड़ बोरियों की है।

व्यापारिक सूत्रों का मानना है कि आने वाले समय में धनिए की थोक कीमत में और मंदी आने की प्रबल आशंका नजर आने लगी है क्योंकि इसकी आवक ने पहले के सारे रिकॉर्ड तोड़ तोड़ कर नया ऐतिहासिक रिकॉर्ड कायम कर दिया है। इस आवक का अभी धनिए की हाजिर कीमत पर पूरा असर होना बाकी है। अतः आने वाले दिनों में धनिए में और मंदी आने की आशंका भी बनी हुई है।

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