Soyabean Prices: किसानों के लिए सोयाबीन के भाव को लेकर बहुत जरूरी खबर, भाव का ताजा अपडेट जानिए है

What is the very important news for the farmers regarding the price of soybean, know the latest update of the price.
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Soyabean prices किसान भाइयों एक जानकारी के अनुसार बता देते हैं कि पिछले दो वर्षों से सोयाबीन के भाव किसानों को आहत करने वाले बने हुए हैं इतना ही नहीं पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष सोयाबीन के भाव में लगभग 1000 से अधिक की गिरावट हो चुकी है पिछले वर्ष यानी कि उसे साल फरवरी महीने के दौरान सोयाबीन के भाव 5500 प्रति क्विंटल के लगभग थे लेकिन इस वर्ष सोयाबीन के भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य अर्थात 4600 प्रति क्विंटल से नीचे चले जा रहे हैं |

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सोयाबीन के भाव में यह गिरावट किसानों के लिए बहुत बड़ी चिंता का विषय बन गई है किसान बहुत ज्यादा परेशान है कि आखिर सोयाबीन के भाव कब तक बढ़ेंगे क्योंकि किसान भाइयों 3 साल पहले सोयाबीन के भाव उत्थान पर थे लेकिन इस समय 2024 में सोयाबीन के भाव में बढ़ोतरी नहीं हो रही है लंबे समय से गिरावट जारी रहने के कारण किसानों एवं व्यापारियों को भी आगे की स्थिति दिखाई नहीं दे रही है सोयाबीन के भाव निकट भविष्य में क्या रहेंगे यह प्रश्न सभी के मन में है सोयाबीन का भाव की इस रिपोर्ट में लिए जानते हैं कि सोयाबीन के भाव आगे क्या रहेंगे क्या यह भाव बढ़ेंगे या फिर यही रहेंगे |

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सोयाबीन के भाव में तेजी के आसार बने

Soyabean prices रबी सीजन की शुरुआत के बाद भी सोयाबीन के भाव में बढ़ोतरी नहीं हो पाई है। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों से इन दिनों सोयाबीन की आवक भी कमजोर है। किसान रबी फसलों की कटाई के साथ वैवाहिक कार्यों में भी व्यस्त हैं। आवक की कमी के कारण प्लांट पूरी क्षमता से नहीं चल पा रहे हैं।

वहीं, वैवाहिक सीजन की वजह से सोया तेल में मांग जोरदार बनी हुई है। आगे होली की मांग भी निकल रही है, जबकि सोया तेल Soyabean prices का स्टाक बाजारों में पर्याप्त मात्रा में नहीं है। बीते दिनों की गिरावट को देखकर स्टाकिस्ट संभलकर खरीदी कर रहे थे। ऐसे में अब सोयाबीन के भाव में तेजी को बल मिल रहा है।

विदेशी बाजार सोयाबीन भाव की तेजी के सपोर्ट में नहीं

इधर दूसरी ओर विदेशी बाजार सोयाबीन के भाव Soyabean prices में बढ़ोतरी का सपोर्ट नहीं कर रहा है। विदेशों में कमजोर मांग के कारण सीबीओटी सोयाबीन कई वर्षों के निचले स्तर पर आ गया। ब्राजील से कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच अमेरिकी सोयाबीन साप्ताहिक निर्यात 84 प्रतिशत गिरकर 55900 टन हुआ। अमेरिका द्वारा ब्राजील से सोयाबीन खरीद की खबर से भी दबाव बढ़ा है।

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1.04 लाख टन सोयाबीन के साथ तीन जहाज ब्राजील बंदरगाह से अमेरिका के लिए रवाना होने वाले हैं। ब्राजील में 38.03 प्रतिशत सोयाबीन क्षेत्र की कटाई हुई जबकि पिछले साल यह 34.51 प्रतिशत थी। ब्राजील में सोयाबीन की कटाई पूरी होने के बाद ही विदेशी बाजार में सोयाबीन भाव की पूरी स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।

अर्जेंटीना में सोयाबीन का उत्पादन पांच करोड टन

Soyabean prices अमेरिकी कृषि मंत्रालय (USDA) की रिपोर्ट में ब्राजील में सोयाबीन का उत्पादन घटने की संभावना व्यक्त की गई है, लेकिन उपज घटने के बावजूद बोलविया एवं भारत से आपूर्ति हो जाएगी। अर्जेंटीना में सोयाबीन का उत्पादन अनुमान 5 करोड़ टन का लगाया जा रहा है।

अमेरिकी कृषि विभाग की रिपोर्ट में वैश्विक तिलहन उत्पादन वर्ष 2023-24 में घटाकर 6590 लाख टन होने का अनुमान लगाया है। यह कटौती ब्राजील में सोयाबीन एवं चीन में सनफ्लावर सीड का उत्पादन कम होने की वजह से की गई है। हालांकि इसकी भरपाई बोलविया में सोयाबीन और भारत में सरसों का उत्पादन बढ़ने से हो जाएगी। सोयाबीन के दाम भी 12.65 डॉलर प्रति बुशल रहने की संभावना व्यक्त की है। यह पिछले वर्ष से कम है। रिपोर्ट में विश्व में सोयाबीन का उत्पादन 39.89 करोड़ टन से घटाकर 39.83 करोड़ टन रहने का अनुमान लगाया गया है।

अर्जेंटीना में सोयाबीन Soyabean prices का उत्पादन वर्ष 2023-24 में 5 करोड़ टन होने का अनुमान लगाया है, जबकि 2021-22 में सूखे की वजह से 2.50 करोड़ टन और वर्ष 2021-22 में 4.39 करोड़ टन हुआ था। चीन में चालू वर्ष में 2.08 करोड़ टन, 2022-23 में 2.02 करोड़ टन और 2021-22 में 1.63 करोड़ टन उत्पादन हुआ था। अमेरिका से सोयाबीन का निर्यात घटेगा, जबकि अर्जेंटीना, ब्राजील से बढ़ने की संभावना है।

सरकार नहीं शुरू कर पाई MSP पर सोयाबीन की खरीदी

Soyabean prices पिछले दिनों महाराष्ट्र में एमएसपी पर खरीदी का खूब प्रचार प्रसार किया था, किंतु अभी तक खरीदी शुरू नहीं हो सकी है। एमएसपी से नीचे सोयाबीन बिक रहा है। वास्तव में भारतीय किसानों का भाग्य सोया मील के निर्यात से जुड़ा हुआ है। किसानों यह अंदाज लगा लेना सोया मील का निर्यात होगा या नहीं। यदि नहीं होता है तब उद्योग के साथ स्टॉकिस्ट, किसानों को भी घाटा उठाना पड़ सकता है।

जबकि दूसरी ओर सोयाबीन का केरी ओव्हर स्टॉक कुछ उद्योग काफी अधिक बता रहे हैं और प्लांट अपनी सुविधा से सोयाबीन की खरीदी कर रहे हैं। सोया मील का निर्यात कमजोर होने से क्रशिंग भी कम कर रहे हैं। इसका सीधा बोझा किसानों पर पड़ा है। सोयाबीन एमएसपी से काफी नीचे बिकने लगा है।

सरसों की फसल से तेजी पर ब्रेक 

Soyabean prices भारतीय बाजारों में सरसों की फसल के दबाव की वजह से सोयाबीन के भाव पर असर पड़ा है। नई फसल मंडियों में बड़ी मात्रा में आने के बाद सोया तेल भी दबाव में आ सकता है। फिलहाल पाम अथवा सोया तेल में तेजी के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। मलेशिया से कमजोर निर्यात बेहतर उत्पादन में बढ़त पर ब्रेक लगता नजर आ रहा है।

मलेशिया ने मार्च माह में क्रूड पाम तेल का निर्यात शुल्क में कोई परिवर्तन नहीं किया है। टैरिफ से बाजार पर कोई प्रभाव पड़ने वाला नहीं है।

एक Soyabean prices अन्य रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में जनवरी माह में 185.780 मिलियन बुशल सोयाबीन की पेराई की। यह दिसंबर माह से 49 प्रतिशत कम है। बताया जाता है कि भीषण ठंड की वजह से परिचालन में व्यवधान की वजह से पेराई घटी है। अमेरिका में सोया तेल का स्टॉक 10.8 प्रतिशत बढ़कर 1.507 बिलियन पाउंड से अधिक है।

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अमेरिका में सोयाबीन का उत्पादन 2023 से 8 प्रतिशत अधिक 4.505 बिलियन बुशल तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया है। सोयाबीन का साप्ताहिक निर्यात 3 से 8 लाख टन अनुमान की निचली सीमा 3.53 लाख टन पर सिमट गया। विश्व में उत्पादन को देखते हुए किसानों को मूंगफली, तिल्ली की और ध्यान केंद्रित कर देना चाहिए। सोयाबीन लाभ की खेती नहीं रह गई है। उत्पादकता भी नहीं बढ़ सकती है।

सरकार के हस्तक्षेप के बिना सोयाबीन के भाव नहीं बढ़ेंगे

Soyabean prices सोयाबीन एमएसपी से नीचे बिक रहा है। राज्य सरकारों को इस और ध्यान देना चाहिए। आगामी बोवनी सोयाबीन की ही होगी। किसान इससे मुंह मोड़ना शुरू कर सकते हैं। सामान्यतः किसानों को प्रति वर्ष कुछ न कुछ मात्रा में सोयाबीन का रकबा घटाने से लाभ होगा। कम उत्पादन होने पर संभव सोयाबीन के अधिक भाव मिल सके। उद्योग के पास आयात शुल्क बढ़ाने के अलावा कोई सुझाव नहीं है।

सरकार ने वायदे बंद करके एवं आयात शुल्क में राहत देकर आम उपभोक्ता का तेल निकलने से बचा लिया है। लेकिन इससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है अब सोयाबीन के भाव तभी बढ़ पाएंगे जब सरकार इसमें हस्तक्षेप करें। सरकार आयात शुल्क लगा सकती है एवं समर्थन मूल्य पर सोयाबीन की खरीदी शुरू कर सकती है।

प्लांटों की सोयाबीन में खरीदी भाव

Soyabean prices नीमच प्रोटिन 4650 केएन एग्री 4511 सालासर 4645 लिविंग फूड 4590 धानुका 4660 आयडिया 4600 एमएस पचोर 4585 स्नेहिल 4625 केपी निवाड़ी 4575 सावरिया इटारसी 4500 अवि 4500 धीरेंद्र सोया 4640 हरिओम 4650 मित्तल 4650 वर्धमान कालापीपल 4575 दिव्यज्योति 4575 रुपए।

महाराष्ट्र में दिसान एग्रो 4750 ऑक्टागोन 4650 धनराज 4775 से 4825 अरिहंत 4700 सोनई 4680 दर्शना 4675 नर्मदा 4600 शालीमार 4625 ओमश्री 4650 दिसान 4575 से 4625 एकदंत 4680 शिव पार्वती 4575 सदगुरु 4675 कपिल 4610 श्रीनिवास कैटल 4600 कोहिनूर 4650 श्रीनिवास एग्रो 4630 राजेंद्र 4700 सचिन 4600 नारायण एग्रो 4650 वैशाली 4600 रुपए प्रति क्विंटल।

सोयाबीन के वर्तमान भाव

Soyabean prices इंदौर मंडी में सोयाबीन 4450 से 4580, सरसों निमाड़ी 6000 से 6100, रायडा 4200-4600 रुपये प्रति क्विंटल बोला गया।

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