Wheat Prices 2024 : किसान साथियों गेहूं के भाव पिछले कुछ 2 साल से अच्छे बने हुए हैं । किसान साथियों फरवरी महीने में सन 2022 के लगभग रूस और यूक्रेन के बीच में संघर्ष की शुरुआत हो चुकी थी, इसके बाद से ही गेहूं के भाव में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है । रस एवं यूक्रेन दो बड़े-बड़े गेहूं उत्पादक देश है । वहां पर अभी भी युद्ध चल रहा है । जिसकी वजह से इसका असर विश्व के लगभग सभी देशों पर पढ़ रहा है । और इन दोनों देश के बीच का जो संघर्ष है वह रुकने का नाम नहीं ले रहा है ।
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इस समय इधर इस इस वर्ष देश के लगभग सभी गेहूं उत्पादक राज्यों में गेहूं की कटाई शुरू हो चुकी है इस समय पर भारत में सभी राज्यों में जहां पर गेहूं की उत्पादन किया जाता है वहां पर लगभग 30% से भी ज्यादा गेहूं की कटाई हो चुकी है । गेहूं की कटाई अप्रैल महीने के अंत तक चलने की संभावना है । गेहूं की कटाई के बीच ही गेहूं के भाव बड़ी खबर आ रही है इस जानकारी के बारे में सरकार ने भी इसके कुछ परिणाम स्वरुप जानकारी दी है । तो किसान भाइयों तो चलिए किसान भाइयों इस आर्टिकल को पूरा जरूर पड़े ।
अभी फिलहाल वर्तमान में गेहूं का भाव क्या है
किसान साथियों मध्य प्रदेश राजस्थान उत्तर प्रदेश पंजाब हरियाणा में रवि सीजन में गेहूं की खेती होती है । गेहूं की पैदावार में सबसे अधिक योगदान हरियाणा मध्य प्रदेश और पंजाब का सबसे महत्वपूर्ण स्थान होता है । पंजाब एवं हरियाणा में अभी गेहूं की फसल पकने में गेहूं की फसल काटने में लगभग 15 दिन की देरी बताई जा रही है । लेकिन वही अगर मध्य प्रदेश की बात करें तो मध्य प्रदेश में लगभग गेहूं की कटाई शुरू हो चुकी है यहां पर मार्च महीने में ही कटाई शुरू स्टार्ट होना हो गई थी लेकिन अभी पंजाब और हरियाणा में गेहूं की कटाई शुरू होना अभी बाकी है ।
मध्य प्रदेश राजस्थान उत्तर प्रदेश में कटाई शुरू हो चुकी है यहां पर लगभग 30% से लेकर 40% तक गेहूं की कटाई हो चुकी है । गेहूं की कटाई होने के बाद गेहूं की आवक अब राज्य की मंडी में होने भी लगी है । मध्य प्रदेश के इंदौर मंडी में गेहूं के भाव अभी 1850 रुपए से लेकर 2965 रुपए प्रति क्विंटल रहे हैं 2024 गेहूं का समर्थन मूल्य केंद्र सरकार ने 2275 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है समर्थन मूल्य के अलावा बोनस भी दिए जाने की तैयारी है यह सरकार द्वारा बताए गए जानकारी हम आपको इस आर्टिकल में बता रहे हैं ।
गेहूं के भाव में अब होंगे तेजी के संकेत
Wheat prices 2024 | इस वर्ष गेहूं की पैदावार पर प्रतिकूल मौसम का असर पड़ा है यही कारण है कि गेहूं की पैदावार कम हो रही है कृषि किसानों के अनुसार प्रति बीघा में 7 से 10 क्विंटल की उपज हो रही है जबकि एक बीघा में 12 से 15 क्विंटल की उपज देती है। यही कारण है की मंडी में गेहूं के भाव अच्छे बोले जा रहे हैं। गेहूं के भाव में तेजी आ गई। हालांकि यह तेजी लोकवन एवं कुछ वैरायटी में ही आई है।
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नए सीजन में पहली बार उज्जैन मंडी में लोकवन टॉप गेहूं मंडी नीलामी में 3116 के भाव बिक गया। पूर्णा 2980, मालवराज 2368 के भाव रहे। इधर गेहूं के बढ़ते भाव Wheat prices 2024 देखकर कुल आवक का 25 फीसदी गेहूं व्यापारी स्टॉक में जा रहा है। कृषक भी बेस्ट गेहूं को होल्ड करने लगे हैं। इधर मालवराज टॉप गेहूं के कारोबारी सतीश राजवानी की मानें तो भाव का भविष्य महंगा है।
एमएसपी से बाजार में रेट ज्यादा
Wheat prices 2024 | गेहूं का समर्थन मूल्य वर्ष 2024-25 में 2275 रुपए प्रति क्विंटल है, जबकि बाजार में गेहूं का रेट 2500 रुपए चल रहा है। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक मालवराज टॉप क्वालिटी गेहूं 15 मार्च के बाद मंडी में आएगा। बाहर की मांग बेस्ट सुपर की होने से इस प्रकार की क्वालिटी का इंतजार है। इधर बिनाट व्यापार में मांग कमजोर चल रही है।
इस समय किसानों को गेहूं में भाव अच्छा लाभ दे रहे हैं लेकिन पैदावार कम मिलने से तेजी वाले भाव Wheat prices 2024 खुशी नहीं दे रहे। वर्षभर से मौसम बिगड़ने से फसलों को खासा नुकसान दे रहा है। इधर मंडी नीलामी में 3116 रुपए के भाव के बाद 3500 रुपए गेहूं सीजन में बिक जाए तो कोई बड़ी बात नहीं होगी। ब्रांडेड लोकवन तो देशभर में ऊंचे भाव पर खरीद लिया जाता है। अप्रैल में पूरे देश में गेहूं आएगा, तब भाव में कमी आ सकती है।
गेहूं के भाव को लेकर सरकार ने यह संकेत दिए
Wheat prices 2024 | सरकार ने समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी का लक्ष्य पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष घटा दिया है। इसके बावजूद सरकार द्वारा निर्धारित किए गए लक्ष्य की तुलना में इस बार खरीदी ओर भी कम होने की संभावना है।
इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा रहा है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष गेहूं विक्रय हेतु किसानों ने पंजीयन कम करवाए हैं। यही कारण है कि सरकार दो बार पंजीयन किए जाने की अवधि बढ़ा चुकी है। अब 10 मार्च तक गेहूं विक्रय हेतु पंजीयन होगा।
क्या समर्थन मूल्य बढ़ेगा (Wheat prices 2024)
रबी विपणन वर्ष 2024 25 के लिए केंद्र सरकार ने गेहूं सहित 6 अन्य फसलों के समर्थन मूल्य बढ़ा दिए हैं। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 150 रुपए बढ़ाते हुए 2275 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किए हैं। इसके बावजूद गेहूं का समर्थन मूल्य बढ़ाने की संभावना है अब गेहूं के समर्थन मूल्य के साथ बोनस दिए जाने की तैयारी है।
विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने संकल्प पत्र 2023-24 में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बोनस जोड़कर गेहूं 2700 रुपए प्रति क्विंटल Wheat prices 2024 और धान 3100 रुपए प्रति क्विंटल खरीदने का वादा किया था। इस वर्ष धान की खरीदी 2183 रुपए प्रति क्विंटल पर की गई।
धान की खरीदी पर बोनस नहीं दिया गया। लेकिन अब गेहूं की खरीदी पर बोनस दिए जाने की चर्चा होने लगी है। सरकार की गारंटी के लिए इसका प्रस्ताव कैबिनेट में जाने वाला है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि सरकार बोनस Wheat prices 2024 पर विचार कर रही है। जो भी संभव होगा, किसानों के लिए बेहतर करेंगे। सम्मान निधि से लेकर किसानों के हित में सरकार कई योजनाएं पहले से चला रही है। बोनस का प्रस्ताव कैबिनेट में ले जाएंगे।
आचार संहिता के पहले निर्णय हो तो ही फायदा मिलेगा
Wheat prices 2024 | इस वर्ष धान की खरीदी पर 817 रु./ क्विंटल का किसानों को नुकसान हुआ है। यही स्थिति अब रबी सीजन के गेहूं की खरीदी की होने वाली है। एमएसपी के बाद सरकार को 425 रुपए बोनस देना होगा। साफ है कि पार्टी के संकल्प पत्र में अनाज खरीदी से जुड़े बिंदु सवालों के घेरे में आ गए हैं।
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सरकार को यदि बोनस देना है तो इसकी घोषणा जल्द करनी होगी। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग जाती है तो मुश्किलें बढ़ जाएंगी। देश में गेहूं Wheat prices 2024 की डिमांड है। इस बार राज्य सरकार ने सर्वाधिक 100 लाख टन टन गेहूं खरीदी का लक्ष्य रखा है। गौरतलब है कि कोरोना के दो साल 2020-21 व 2021-22 को छोड़कर, इन दोनों वर्षों में क्रमश: 128 लाख और 129 लाख टन गेहूं खरीदा गया था, क्योंकि सरकार के अलावा किसी ने खरीदी नहीं की।
आने वाले समय में गेहूं के भाव क्या रहेंगे
Wheat prices 2024 | कृषि एवं व्यापार विशेषज्ञों के मुताबिक पिछले दो वर्ष की तुलना में इस वर्ष गेहूं के भाव में तेजी से वृद्धि होगी। क्योंकि सरकार के पास गेहूं का स्टॉक कम है।
वहीं इसके अलावा बाजार में गेहूं का भाव अच्छे मिलने पर इस वर्ष भी गेहूं की सरकारी खरीदी कम होने की संभावना है। हालांकि सरकार के पास गेहूं का आयात करने का विकल्प भी खुला हुआ है। ऐसे में कयास यह लगाए जा रहे हैं कि गेहूं के अधिकतम भाव 3000 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास रहेंगे